जमीनों की खरीद-फरोख्त संबंधी पांच जिलों की रिपोर्ट शासन को मिली,भ्रम न फैलाये कांग्रेस: मनवीर चौहान

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान।

देहरादून, 3 नवंबर (न्यूज़ एजेंसी)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि राज्य के कड़े भू-कानून के लिए सभी प्रक्रियाएं त्वरित गति से चल रही हैं। विपक्ष किसी तरह से भ्रम में न रहे और न ही फैलाये। नियमों के विपरीत की गयी खरीद फरोख्त से संबंधित पांच जिलों से जिलाधिकारियों ने रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

रविवार को भाजपा नेता मनवीर चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को जिलों से भूमि खरीद की रिपोर्ट तलब की है। नियम विरुद्ध अथवा प्रायोजन के विपरीत होने पर जमीन राज्य सरकार मे निहित की जायेगी। सरकार इस मामले मे स्पष्ट रुख जाता चुकी है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घोषणा कर चुके हैं कि बजट सत्र में भू-कानून लाया जाएगा। उससे पहले जरूरी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जल्दी ही अन्य जिलों से भी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को धैर्य रखने की जरूरत है। उसका यही रवैया भर्ती घोटालों की जांच, यूसीसी, लैंड जिहाद और लव जिहाद जैसे फैसलों के वक्त रहा है। भाजपा ने जब जन सरोकारों के अनुरूप राज्य में भू-कानून की जरूरत पर नया कानून लाने की बात की तो इसमें भी कांग्रेस को ही सबसे पहले कठिनाई हुई। कांग्रेस अब तक भू-कानून जैसे मुद्दे पर आंख मूंद कर चुप रही, लेकिन दिखावे के लिए अब समर्थन का दावा कर रही है। जब कि जन हित में उसे सकारात्मक रुख अपनाते हुए सुझाव देने चाहिए थे। भू-कानून को लेकर एकाएक कांग्रेस की सक्रियता और झुंझलाहट को राजनीति से प्रेरित बताया।

मनवीर चौहान ने कहा कि भाजपा ने जन अपेक्षाओं के अनुरूप 2007 मे भी पूर्ववर्ती कांग्रेस कार्यकाल मे बने भू कानून मे संशोधन किया था। एक बार फिर राज्य के मौलिक स्वरूप को बनाये रखने और सांस्कृतिक सरंक्षण के लिए जन अपेक्षाओं की खातिर भू-कानून में बड़ा बदलाव कर इसे कड़ा किया जा रहा है। नये भू-कानून से पहले पूर्व मे हुई अवैध खरीद फरोख्त की जांच और अनियमिताओं की जांच जरूरी है। बेशक, इसमें समय लगेगा, लेकिन राज्य के हित सुरक्षित होंगे।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य मे नगर निकाय क्षेत्र से बाहर र्ढाइ सौ वर्ग मीटर भूमि कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति खरीद सकता है, किंतु एक परिवार के कई सदस्यों के नाम पर खरीद फरोख्त के मामले आने पर जांच करायी जा रही है। वहीं पर्यटन, उद्योग आदि व्यवसायिक गतिविधियो के लिए अनुमति लेकर भूमि प्रयोजन के अनुरूप उपयोग नही किया है उनकी भी जांच की जा रही है।

न्यूज़ एजेंसी/ राजेश कुमार


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