जींद, 23 दिसंबर (न्यूज़ एजेंसी)। जींद और आसपास के क्षेत्र में सोमवार सुबह से बूंदाबांदी का शुरू हुआ दौर दिनभर जारी रहा। बूंदाबांदी से मौसम में ठंड और ठिठुरन बढ़ी है। मंगलवार से धुंध के आसार हैं तो वहीं 26 दिसंबर को फिर से बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। गेहूं की फसल के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी। पिछले कई दिनों से जिले में सूखी ठंड देखने को मिल रही है। हालांकि दिसंबर में अभी तक तीन-चार दिन ही धुंध देखने को मिली है। सूखी ठंड के कारण न्यूनतम तापमान तीन डिग्री तक आ चुका है।
गेहूं की फसल को बारिश की दरकार है और किसान पिछले कई दिनों से बारिश की बाट जोह रहे थे। रविवार की रात 12 बजे के बाद मौसम ने करवट ली और कुछ क्षेत्रों में सुबह साढ़े तीन बजे के बाद बूंदाबांदी शुरू हो गई। उचाना और नरवाना क्षेत्र में सुबह चार बजे तो जींद में साेमवार सुबह छह बजे के करीब हल्की बारिश हुई। इसके बाद 11 बजे तक बूंदाबांदी चलती रही। किसानों के लिए यह हल्की वर्षा भी वरदान से कम नहीं होगी। गेहूं की फसल में फुटाव ज्यादा होगा और सिंचाई के लिए एक पानी कम लाना पड़ेगा। मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को मौसम में बदलाव होगा और धुंध शुरू हो जाएगी। 26 दिसंबर को फिर से बारिश के आसार बन रहे हैं।
हल्की बूंदाबांदी से शहर में कई जगह पानी भर गया तो वहीं चल रहे विकास कार्य रूके रहे। हालांकि बारिश के बाद एक्यूआइ में भी सुधार देखने को मिल सकता है। नवंबर और दिसंबर माह में हवा में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हुआ है। इस कारण सांस के मरीजोंए बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो रही थी। हल्की बारिश से ही प्रदूषण धुल जाएगा और हवा स्वच्छ होगी। हालांकि यह ठंडक एक ओर जहां फसलों के लिए लाभकारी हैए वहीं दूसरी ओर इंसानों और पशुओं के लिए चुनौतियां भी पैदा कर रही है। ठंड के कारण बच्चोंए बुजुर्गों और पशुओं में ठंड लगने के मामलों में इजाफा हो सकता है।
बारिश ने प्रदूषण के स्तर को कम करने में भी मदद की है। अब बारिश के कारण हवा साफ हो गई है और लोगों को प्रदूषण से राहत मिल रही है। मौसम विभाग के अनुसार हल्की बारिश के बाद क्षेत्र में जबरदस्त कोहरा छाने के आसार हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के बाद तापमान में गिरावट और अधिक हो सकती हैए जिससे धुंध का असर बढ़ जाएगा। मौसम बदलाव ने किसानों को उम्मीद की नई किरण दी है। अच्छी बारिश से फसलों की पैदावार बढऩे की उम्मीद है। किसानों का कहना है कि अगर आने वाले समय में लगातार बारिश हुईए तो इस बार की फसल रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन दे सकती है।
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न्यूज़ एजेंसी/ विजेंद्र मराठा
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