अहमदाबाद, 14 अक्टूबर (न्यूज़ एजेंसी)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्यव्यापी विकास सप्ताह समारोह के अंतर्गत सोमवार को गांधीनगर में 2000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने 7 से 15 अक्टूबर तक आयोजित हो रहे इस विकास सप्ताह के अंतर्गत सोमवार को गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में जलापूर्ति, ऊर्जा, शहरी विकास, सड़क एवं भवन, जल संसाधन तथा गृह विभाग के 16 कार्यों का लोकार्पण तथा 14 कार्यों का शिलान्यास किया। पटेल ने इस अवसर पर कहा कि गुजरात की अलग राज्य के रूप में 1960 में स्थापना हुई, तब से लेकर 2001 तक का तथा नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2001 से 2024 तक का वर्तमान विकास देखें, तो स्पष्ट पता चलता है कि विजनरी नेतृत्व, राजनीतिक इच्छाशक्ति तथा छोटे से छोटे आदमी को केन्द्र में रख कर सबके कल्याण की प्रतिबद्धता से कितनी स्पीड एवं कितने स्केल का विकास हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र मोदी ने चुनौतियों को अवसर में बदलने की कार्य संस्कृति तथा संस्कार हम सब में सिंचित किए हैं। गुजरात आज रिन्यूएबल एनर्जी का हब बना है और सबसे बड़ा हाइब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क कच्छ में साकार हो रहा है। इतना ही नहीं, सोलर एनर्जी के परिणामस्वरूप बिजली भी सरलता से और सस्ती मिलती है। भूपेंद्र पटेल ने यह भी कहा कि पानी, बिजली सड़क-मार्ग जैसी बुनियादी सुविधाएँ ठेठ अंतिम छोर के लोगों तक पहुँचाने का आयोजन वित्तीय प्रबंधन से साकार हुआ है। नदियों को विकास के साथ जोड़ कर रिवरफ्रंट की नरेन्द्र मोदी की संकल्पना को अब राज्य के नगर अपने यहाँ रिवरफ्रंट द्वारा साकार करने के लिए आगे आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इसकी भी सराहना की।
ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई ने प्रासंगिक संबोधन में कहा कि एक समय जब गुजरात में सब स्टेशनों की कुल संख्या केवल 704 थी, जो आज बढ़ कर 2,377 तक पहुँची है। आज गुजरात के किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन केवल चार महीने में मिलने लगे हैं और आज गुजरात के 90 प्रतिशत गाँवों के किसानों को दिन में बिजली प्रदान की जा रही है। शेष 10 प्रतिशत गाँवों में भी दिसंबर तक दिन में बिजली प्रदान की जाएगी। आज गुजरात प्रतिव्यक्ति विद्युत उपभोग, रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर रूफटॉप जैसे अनेक क्षेत्रों में देश में अग्रसर है। गुजरात का बजट भी एक समय 37,000 करोड़ रुपये था, जो आज बढ़ कर 3.32 लाख करोड़ रुपये हुआ है।
जल संसाधन तथा जलापूर्ति मंत्री कुँवरजीभाई बावलिया ने कहा कि मोदी ने उत्तर गुजरात के हर गाँव को नर्मदा का जल मुहैया कराने के लिए सुजलाम सुफलाम तथा सौराष्ट्र एवं कच्छ को पर्याप्त पानी देने के लिए सौनी योजना लागू की, जिसके कारण आज गुजरात के कोने-कोने में नल से जल के माध्यम से पीने तथा खेती के लिए पानी मिल रहा है।
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न्यूज़ एजेंसी/ बिनोद पाण्डेय
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