मुरादाबाद, 22 दिसम्बर (न्यूज़ एजेंसी)। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की चार सदस्यीय टीम का सर्वे लगातार तीसरे दिन रविवार को भी जारी रहा। लखनऊ से आई एएसआई की टीम ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में चंदौसी तहसील के प्राचीन बावड़ी में आज सुबह फिर से खुदाई शुरू की, जो शाम तक जारी रही। इस दौरान सर्वे टीम को चार कक्ष मिले हैं। वहीं टीम ने शुक्रवार और शनिवार को संभल में छह तीर्थ स्थलों और 19 कुओं का सर्वे किया था।
एएसआई की टीम के नेतृत्व में चंदौसी के प्राचीन बावड़ी में रविवार को दो जेसीबी और अनेकों मजदूर बावड़ी की खुदाई कर रहे हैं। खुदाई के दौरान चार कक्ष मिले हैं। बताया जा रहा है यह तीन मंजिला बावड़ी है। बावड़ी 1857 या उससे पूर्व की बताई जा रही है। राजा का सहसपुर की महारानी सुरेंद्र बाला देवी की रियासत का अंश है। साथ ही इसके अंदर 12 कमरे, एक कुआं व सुरंग भी बताई जा रही है। फिलहाल दो दिन की खुदाई में चार कमरे स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं। इस दौरान जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पैंसिया और पुलिस अधीक्षक कृष्ण विश्नोई मौके पर मौजूद रहे।
एएसआई की टीम ने शुक्रवार काे खग्गू सराय स्थित प्राचीन शिव मंदिर और वहां परिसर में बने कुएं की कार्बन डेटिंग के लिए नमूने लिए थे। इसके बाद टीम ने शनिवार को प्राचीन कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची थी और वहां करीब 30 मिनट तक रुककर हर बिंदु की बारीकी से जांच की और साक्ष्य जुटाए। टीम ने यहां गुंबद और अन्य संरचनाओं की ऐतिहासिकता का पता लगाने के लिए फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी कराई। बीते दिनों जनपद में चलाये गए अतिक्रमण अभियान के दौरान मुस्लिम बाहुल्य इलाके में शिव मंदिर और बंद कुएं मिले थे।
संभल में 46 साल पुराने मंदिर मिलने के बाद जिलाधिकारी डॉ राजेंद्र पैंसिया ने जांच के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र लिखकर जिले के प्राचीन तीर्थ स्थलों और कुओं का निरीक्षण कराने की मांग की थी। एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया था कि टीम मंदिर और कुएं के काल का पता लगाने का प्रयास कर रही है। निरीक्षण के दौरान टीम के विशेषज्ञों ने गुंबद और अन्य संरचनाओं की फोटो और वीडियोग्राफी की ताकि उनकी ऐतिहासिकता का पता चल सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल
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