
भरतपुर, 2 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। अमेरिका स्थित भारतीय राजदूतावास में प्रथम सांस्कृतिक राजनयिक एवं भारतीय संस्कृति शिक्षक रहे प्रसिद्ध योगगुरु डॉ. मोक्षराज ने कहा कि हमारे देश की प्रतिभाएं विश्व के हर कोने में तथा सभी क्षेत्रों में परचम फहरा रही हैं। नई खोजों के आधार पर आगे बढ़ रहे आधुनिक विश्व के साथ समावेशी नीतियों को अपनाते हुए कदमताल करता युवा एवं मेधावी भारत पुनः विश्वगुरु होने की दिशा में अग्रसर है।
योगगुरु डॉ. मोक्षराज नक्कारखाना किला स्थित चतुर्भुज मंदिर में बसंत पंचमी के अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि हमें अपने युवाओं में स्वदेशी स्वाभिमान को जागृत रखने की आवश्यकता है। हम शीघ्र ही अपने सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एवं पुरातन सभ्यता वाले महान राष्ट्र को पुनः प्रतिष्ठित करेंगे।
एक दिवसीय प्रवास के दौरान डॉ. मोक्षराज अचानक चतुर्भुज मंदिर पहुंचे जहां उन्हें मंदिर के वयोवृद्ध महंत पंडित राधाशरण शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। बसंत पंचमी के अवसर पर डॉ. मोक्षराज ने यज्ञ में आहुतियां डाली। उन्होंने लोहागढ़ क़िला स्थित विशाल तोप को देखकर तत्कालीन महाराजाओं के अतुल्य पराक्रम का स्मरण किया।
भरतपुर-डीग जिले के मानौता कलां गांव में जन्मे डॉ मोक्षराज अमेरिका के शीर्षस्थ विश्वविद्यालयों जॉर्जटाउन व जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रहे हैं। डॉ. मोक्षराज को अमेरिका की संसद कैपीटोल हिल व व्हाइट हाउस के सामने 12 देशों के हजारों लोगों को योग कराने व संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्यालय न्यूयार्क में आयोजित शिखर सम्मेलन में योग विषय पर संबोधन का गौरव प्राप्त है।
डॉ. मोक्षराज तब और अधिक सुर्खियों में रहे जब उनकी शिष्या अफ्रीकन अमेरिकी मूल की हॉलीवुड अभिनेत्री व अमेरिका की प्रसिद्ध गायिका मैरी मिलबेन ने अमेरिका स्थित रोनाल्ड रीगन सेंटर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में भारत का राष्ट्रगान गाया व उनके चरण स्पर्श किए।
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न्यूज़ एजेंसी/ रोहित
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