आयुर्वेद विश्वविद्यालय : सामूहिक ध्यान से आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास

jodhpur

जोधपुर, 21 दिसम्बर (न्यूज़ एजेंसी)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय में शनिवार को प्रथम विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर संविधान पार्क में सामूहिक ध्यान के माध्यम से एक ऐतिहासिक विश्व कीर्तिमान का सफल दावा प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें हजारों प्रतिभागियों ने अर्धपद्मासन में ध्यान का अभ्यास कर इस उपलब्धि को साकार किया। तीस मिनट तक लगातार ध्यान का अभ्यास किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पतंजलि योगपीठ के पूज्य स्वामी (डॉ.) परमार्थ देव उपस्थित रहे। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को ध्यान का अभ्यास करवाते हुए इसके मनोदैहिक लाभों पर प्रकाश डाला। अपने प्रेरणादायक संबोधन में स्वामीजी ने कहा कि ध्यान न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि यह तनाव, अनिद्रा और मानसिक असंतुलन जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है। नियमित ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान सकता है और जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने अपने संबोधन में कहा कि ध्यान भारतीय संस्कृति और योग परंपरा का अभिन्न अंग है। आज का यह विश्व कीर्तिमान हमें ध्यान के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करता है। इस ऐतिहासिक आयोजन में कई विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।

इनमें लक्ष्य पर्यावरण एवं जन कल्याण संस्थान जोधपुर के सचिव राकेश निहाल, आर्मी कोणार्क से सूबेदार गजानंद, पतंजलि किसान सेवा समिति के राज्य प्रभारी करणाराम चौधरी, सोशल मीडिया राज्य प्रभारी दिलीप कुमार तिवारी, योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सीईओ राकेश भारद्वाज, विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं प्राचार्य प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल, प्राचार्य पीजीआई प्रो. महेंद्र शर्मा, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस सामूहिक ध्यान कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के आंगिक महाविद्यालयों के अलावा आईआईटी जोधपुर, आर्मी कोणार्क, एसएलबीएस महाविद्यालय, आयुर्वेद नर्सिंग मंगला पूंजला और विभिन्न संस्थानों के प्रतिभागियों ने बढ़-चढक़र भाग लिया। मंच संचालन क्रिया शारीर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा ने किया। कार्यक्रम के अंत में योग नेचुरोपैथी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चंद्रभान शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए ध्यान को नियमित जीवनशैली में अपनाने का संदेश दिया।

न्यूज़ एजेंसी/ सतीश


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