स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना का ऐलान

स्टार्टअप के लिए जारी लोगो का प्रतीकात्मक चित्र

नई दिल्ली, 01 फरवरी (न्यूज़ एजेंसी)। केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में रिकॉर्ड 8वां केंद्रीय बजट 2025-26 पेश किया। सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए उभरते उद्यमियों के वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना के एक और दौर का ऐ‍लान किया।

वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के केंद्रीय बजट 2025-26 में स्टार्टअप के लिए ‘फंड ऑफ फंड्स’ योजना की यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार स्टार्टअप के माध्यम से नवाचार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने अब तक 1.57 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी है।

स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से सरकार ने इस विकास को पोषित करने और उद्यमियों की अगली पीढ़ी को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्टार्टअप इंडिया की कार्य योजना 16 जनवरी 2016 को पेश की गई थी। केंद्र सरकार उसी वर्ष स्टार्टअप की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ रुपये के कोष के साथ ‘फंड ऑफ फंड्स फॉर स्टार्टअप्स’ (एफएफएस) योजना लाई थी। इसकी निगरानी एजेंसी डीपीआईआईटी है, जबकि भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) एफएफएस के लिए संचालन एजेंसी है।

उल्‍लेखनीय है कि भारत ने खुद को दुनिया में तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में मजबूती से स्थापित किया है, जिसमें 31 दिसंबर, 2024 तक स्टार्टअप को मान्यता देने के लिए डीपीआईआईटी ने 1.57 लाख से अधिक प्रमाणपत्र जारी किए हैं। वहीं, 100 से अधिक यूनिकॉर्न द्वारा संचालित देश का उद्यमशील परिदृश्य नवाचार को फिर से परिभाषित कर रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर पैदा कर रहा है।

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न्यूज़ एजेंसी/ प्रजेश शंकर


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