
नैनीताल, 27 फ़रवरी (न्यूज़ एजेंसी)। सरकार द्वारा बैनामा, वसीयत, विवाह पंजीकरण, दाखिल खारिज सहित अन्य दस्तावेजी कार्यों को पूरी तरह ऑनलाइन किए जाने के विरोध में अधिवक्ताओं ने गुरुवार से राजस्व न्यायालयों और उपभोक्ता प्रतितोष आयोग में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस दौरान अधिवक्ताओं ने सरकार के इस निर्णय का विरोध करते हुए न्यायालयों में कार्य बहिष्कार किया और विरोध सभा आयोजित की व पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया।
जिला बार संघ नैनीताल के अध्यक्ष ओंकार गोस्वामी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से अधिवक्ताओं के विधि व्यवसाय को भारी नुकसान होगा। उनके साथ कार्यरत लिपिक और अन्य कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
सचिव संजय सुयाल ने ऑनलाइन रजिस्ट्री को आम जनता के लिए भी नुकसानदायक बताते हुए कहा कि इससे ऑनलाइन धोखाधड़ी की संभावनाएं बढ़ेंगी। पूर्व सचिव दीपक रूवाली ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी कृत्रिम बौद्धिकता के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्रियां तैयार किए जाने की आशंका जताई और इस आदेश के विरुद्ध आंदोलन जारी रखने की बात कही।
सभा को हरिशंकर कंसल, मनीष मोहन जोशी, राजेंद्र मेहरा, ज्योति प्रकाश बोरा सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने संबोधित किया। इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता मान सिंह बिष्ट, आर.पी. चंदोला, नीरज साह, राजेंद्र कुमार पाठक, गिरीश चंद्र खोलिया, पुलक अग्रवाल, कैलाश जोशी, कैलाश बल्यूटिया, प्रीति साह, मंजू कोटलिया, राकेश सुयाल, अखिल साह, प्रदीप परगाई, अनिल बिष्ट, भगवत प्रसाद, सोहन तिवारी, पंकज कुमार, पुरन बिष्ट, भगवत सिंह जंतवाल, मनीष कांडपाल, नवीन पंत, ललित रावत सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे।
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न्यूज़ एजेंसी/ डॉ. नवीन चन्द्र जोशी
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