रायपुर, छत्तीसगढ़ (13 अक्टूबर): देशभर में बुराई के प्रतीक रावण के पुतले का दहन बड़े धूमधाम से मनाया गया। राजधानी रायपुर के डब्ल्यूआरएस मैदान में 101 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रावणभाठा मैदान के विकास के लिए 50 लाख रुपये की राशि की घोषणा की।
छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया गया दशहरा
राज्य में दशहरा का पर्व पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। रायपुर में सबसे बड़ा आयोजन डब्ल्यूआरएस और रावणभाठा मैदान में हुआ, जहाँ रावण के अलावा मेघनाथ और कुंभकरण के 85-85 फीट ऊंचे पुतले का भी दहन किया गया। मुख्यमंत्री साय ने रिमोट का बटन दबाकर रावण के पुतले को जलाया, जो महज दो मिनट में खाक हो गया।
बुराइयों का अंत करने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर उपस्थित प्रदेशवासियों से अपील की कि वे अपने भीतर की बुराइयों का अंत करें और रावण का प्रतीकात्मक दहन अपने जीवन की बुराइयों को छोड़ने की प्रेरणा बनाएं। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का 10 वर्ष कौशल प्रदेश में बिताया था। इसलिए, इस महान धरती के लोग स्वयं राम, लक्ष्मण और हनुमान बनकर बुराइयों का नाश करने का संकल्प लें।
ऐतिहासिक महत्व और सामूहिक भागीदारी
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह वर्ष ऐतिहासिक है क्योंकि 500 वर्षों से अधिक संघर्ष के बाद भगवान श्रीराम अयोध्या में विराजमान हुए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों को भगवान श्रीराम का ‘भांचा’ बताते हुए उनके आदर्शों को आत्मसात करने की अपील की।
दूधाधारी मठ में भव्य रावण दहन
ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान में दूधाधारी मठ द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में हजारों लोग उमड़े। यहां 65 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया, जबकि मेघनाथ और कुंभकरण के 55-55 फीट ऊंचे पुतले का भी आयोजनपूर्वक जलाया गया। इस दौरान भव्य आतिशबाजी का भी आनंद लिया गया। दहन से पूर्व दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदरदास के सान्निध्य में पूजा अर्चना की गई।
राजधानी में कई जगहों पर रावण दहन
राजधानी में 10 से अधिक मैदानों पर रावण दहन का आयोजन किया गया, जिसमें शंकर नगर, बीटीआइ मैदान, सप्रे शाला मैदान, बोरियाखुर्द, बिरगांव, कटोरातालाब, चौबे कालोनी, सुंदर नगर, आमापारा, लाखेनगर शामिल हैं। यहाँ कोलकाता के कलाकारों ने विशेष इफेक्ट के साथ आतिशबाजी की और छत्तीसगढ़ी कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।
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