जीएसटी परिषद की महत्वपूर्ण बैठक
नई दिल्ली। दिवाली से पहले मोदी सरकार देश के करोड़ों लोगों को एक और बड़ा तोहफा दे सकती है। 20 अक्टूबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक इस बार काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में परिषद 12 फीसदी वाले जीएसटी स्लैब को खत्म कर सकती है, जो आम आदमी की जेब पर खासा असर डालता है।
आम जनता पर प्रभाव
यदि 12 फीसदी जीएसटी स्लैब को समाप्त किया जाता है, तो इससे मकान, जूते-कपड़े, और मोबाइल जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में भारी बदलाव आ सकता है। सूत्रों का कहना है कि इस मंत्री समूह की बैठक में इस पर फैसला लिया जा सकता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इन प्रोडक्ट्स पर आगे कौन सी दर से जीएसटी वसूला जाएगा।
क्या होगा 12 फीसदी स्लैब के तहत?
12 फीसदी जीएसटी स्लैब में कई आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं, जैसे पैकेज्ड फूड आइटम्स, कपड़े, 1000 रुपये से कम के जूते, कॉमर्शियल प्रॉपर्टी, मोबाइल, मक्खन, घी, फल का रस, छाता, और पैक नारियल पानी। इसके अलावा, कुछ कंप्यूटर और ड्राई फ्रूट्स भी इस स्लैब में आते हैं।
स्लैब खत्म करने का कारण
जीएसटी परिषद के अनुसार, 12 फीसदी स्लैब वाले आइटम्स की संख्या कम होने से कुल जीएसटी वसूली में इस स्लैब की हिस्सेदारी बहुत कम है। मंत्री समूह की रिपोर्ट के अनुसार, 12 फीसदी स्लैब की जीएसटी वसूली में केवल 5 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, 18 फीसदी वाले स्लैब की हिस्सेदारी 73 फीसदी है, जो इसे जीएसटी का सबसे बड़ा हिस्सा बनाता है।
18 फीसदी में कौन-कौन से आइटम शामिल?
18 फीसदी जीएसटी स्लैब में कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, रेस्टोरेंट, स्मार्टफोन, टेलीकॉम सेवाएं, कपड़े और जूते (1000 रुपये से अधिक कीमत वाले), आईटी सेवाएं, वित्तीय सेवाएं (जैसे बीमा), और मशीनरी जैसे प्रोडक्ट्स शामिल हैं। यही कारण है कि कुल जीएसटी वसूली में इस स्लैब के जरिए तीन चौथाई रकम आती है।
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