नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (न्यूज़ एजेंसी)। भारत-चीन सीमा के पूर्वी खुफिया सेक्टर के डेपसांग और डेमचोक क्षेत्र में दोनों ओर से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत औज़ार और चीन की सेनाएँ एक-दूसरे के पीछे-पीछे के उद्योगों और कारखानों को हटाने का अनुमोदन कर रही हैं।
रक्षा अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि भारत और चीन की सेनाओं के पीछे की प्रक्रिया पूरी तरह से हो चुकी है। सैन्य वापसी के तहत दोनों देशों के बीच सहमति बनी आज तक की समय सीमा तय की गई थी।
उल्लेखनीय है कि विदेश मंत्रालय ने पिछले सप्ताह इस बात की पुष्टि की थी कि भारत और चीन के बीच 2020 में तीव्र वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसआई) का जन्म हुआ सैन्य तनाव का समाधान हो गया है। दोनों देशों के बीच सैन्य और सैन्य स्तर पर हुई चर्चा के बाद सैन्य दस्तों को लेकर सहमति बनी है, जिसके बाद दोनों देशों की ओर से सैन्य ढांचे को खत्म कर दिया गया था।
साल 2020 में भारत और चीन की सेनाएं सामने आईं। दोनों देशों के सैनिकों की बीच हुई मौत, दोनों देशों की सेनाओं की मौत भी हुई थी। इसके बाद भारत-चीन के लाइसेंस में खटास आई थी। बाद में विदेश मंत्रालय और सैन्य स्तर पर इस तनातनी को ख़त्म करने को लेकर बातचीत शुरू हो गई।
सैन्य तनाव की समाप्ति के बाद ही ब्रिक्स वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी।
अधिनियम के तहत दोनों पक्ष अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति वापस आ जायेंगे। हालाँकि दिल्ली और बीजिंग दोनों के पास डेपसांग और डेमचोक में निगरानी के विकल्प जारी हैं और किसी भी गलत सन्देश से बचने के लिए प्रस्थान पर रवाना होने से पहले एक दूसरे को सूचित करें।
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युवास्थान समाचार/अनूप शर्मा
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