गुरुग्राम: वीडियो को गलत एडिट करके पेश करने पर  वकील व महिला पत्रकार के खिलाफ गैैर जमानती वांरट 

जम्मू-कश्मीर सरकार ने छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए उपभोक्ताओं को आकर्षित किया

-दोनों की जमानत को अदालत ने किया खारिज

गुरुग्राम, 20 नवंबर (न्यूज़ एजेंसी)। नाबालिग के वीडियो को तोड़-मरोडक़र प्रसारित करने के मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अश्विनी कुमार मेहता की अदालत में गत दिवस सुनवाई हुई। आरोपी अपने अधिवक्ताओं के साथ अदालत में पेश हुए। दो आरोपियों के अधिवक्ताओं ने आवेदन कर उनकी हाजिरी माफी का आग्रह अदालत से किया, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर उनके जमानती बॉन्ड भी रद्द कर दिए। आरोपी महिला पत्रकार चित्रा त्रिपाठी व सैयद सोहेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी कर दिए।

पीडि़त पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता धर्मेंद्र मिश्रा व इस मामले की पैरवी कर रही सामाजिक संस्था जन जागरण मंच के अध्यक्ष हरी शंकर कुमार से प्राप्त जानकारी के अनुसार आरोपी चित्रा त्रिपाठी के अधिवक्ता ने अदालत से आग्रह किया कि चित्रा त्रिपाठी महाराष्ट्र मेें होने जा रहे विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। इसी प्रकार सैैयद सोहेेल के अधिवक्ता ने भी उत्तरप्रदेश में होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव में व्यस्त होने का हवाला देेते हुए अदालत से आग्रह किया कि उनको हाजिरी माफी दी जाए।

अधिवक्ता का कहना है कि अदालत ने दोनों आरोपियों के अधिवक्ताओं के आग्रह को अस्वीकार करते हुए कहा कि उपस्थिति से छूट देने का कोई उचित आधार नहीं बनाया गया है। केस फाइल के अवलोकन से पता चलता है कि पहले भी आरोपी चित्रा त्रिपाठी अदालत में पेश नहीं हुई थीं। उनको उपस्थिति से छूट दी गई थी। ऐसा प्रतीत होता है कि वह अदालत की प्रक्रिया को काफी हल्के में ले रही हैं। इसी आधार पर अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी। आरोपी मोहम्मद सोहेल की उपस्थिति से छूट वाले आग्रह को अस्वीकार करतेे हुए उसकी भी जमानत अदालत नेे रद्द कर दी। संबंधित पुलिस एसएचओ को आदेश दिए कि आगामी 30 नवम्बर तक दोनों आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट तामील कराए जाएं। यदि वारंट तामील नहीं होतेे हैं तो एसएचओ व्यक्तिगत रुप सेे अदालत में उपस्थित होकर वस्तुस्थिति को स्पष्ट करें।

गौैरतलब है कि वर्ष 2013 की 2 जुलाई को पालम विहार क्षेत्र के सतीश कुमार (काल्पनिक नाम) के घर संत आसाराम बापू आए थे। बापू ने परिवार के सदस्यों सहित उनकी 10 वर्षीय भतीजी को भी आशीर्वाद दिया था। उस समय सतीश के घर के कार्यक्रम की वीडियो आदि भी बनाई गई थी। बापू आसाराम प्रकरण के बाद टीवी चैनलों ने बनाई गई वीडियो को प्रसारित किया था। परिजनों ने आरोप लगाए थे कि उनकी व आसाराम बापू की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो को तोड़-मरोडक़र प्रस्तुत किया गया है।

न्यूज़ एजेंसी/ ईश्वर हरियाणा

 


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