बेरुत, 13 अक्टूबर (न्यूज़ एजेंसी)। लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) के शांति सैनिकों पर इजरायली हमलों को लेकर 34 देशों ने एक कड़े संयुक्त बयान के माध्यम से निंदा व्यक्त की है। भारत ने इस बयान का पूर्ण समर्थन किया है और इस मुद्दे पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट रूप से जाहिर किया है। भारत के 903 सैनिक इस मिशन के तहत लेबनान में तैनात हैं, और यह संख्या इस बल में दूसरी सबसे बड़ी है।
भारत की प्रतिक्रिया और चिंता
भारत ने इजरायली कार्रवाई के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के बयान पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि शांति सैनिकों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने अपने एक्स पोस्ट में इस बात की पुष्टि की कि वह पूरी तरह से उन 34 देशों के बयान का समर्थन करता है, जिन्होंने इजरायली हमलों की निंदा की है। भारत का मानना है कि इन सैनिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना मौजूदा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) प्रस्तावों के तहत किया जाना चाहिए।
इजरायली हमलों में शांति सैनिकों पर हमला
हालिया घटनाओं में, दक्षिणी लेबनान में इजरायल और हिज़्बुल्लाह के बीच संघर्ष के दौरान नकौरा में स्थित यूएनआईएफआईएल मुख्यालय पर हमला हुआ। इस हमले में कम से कम पांच शांति सैनिक घायल हुए हैं, जिनमें भारतीय सैनिक भी शामिल हो सकते हैं। इजरायल ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि उसके हमलों में शांति सैनिक घायल हुए हैं।
भारत का संतुलित रुख
पिछले एक वर्ष से इजरायल और हमास, हिज़्बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भारत ने संतुलित रवैया अपनाया है, लेकिन शांति सैनिकों पर हुए हमलों के बाद भारत का कड़ा रुख दिखाई दे रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इजरायल से शांति सैनिकों पर हमले रोकने की अपील की है, ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे।
Discover more from सत्यबोध इंडिया न्यूज़
Subscribe to get the latest posts sent to your email.