विएंतियान (लाओस), 11 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां 19वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत म्यांमार की स्थिति पर आसियान के दृष्टिकोण और पांच सूत्री सहमति का समर्थन करता है। उन्होंने मानवीय सहायता के महत्व और लोकतंत्र की बहाली के लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया, साथ ही म्यांमार को अलग-थलग न करने की अपील की।
मोदी ने समुद्री गतिविधियों के संचालन और स्वतंत्रता के मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि समुद्री गतिविधियों को अन्क्लोस के अंतर्गत संचालित करना चाहिए और एक ठोस कोड ऑफ कंडक्ट बनाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे संघर्षों के प्रभाव पर चर्चा करते हुए कहा कि ये संघर्ष ग्लोबल साउथ के देशों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। उन्होंने कहा कि भारत शांति और स्थिरता की बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में अपनी भूमिका निभाएगा।
मोदी ने आतंकवाद को वैश्विक शांति के लिए गंभीर चुनौती बताते हुए एकजुटता की आवश्यकता पर बल दिया और मलेशिया को आगामी मेजबान के लिए शुभकामनाएं दीं।
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